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देवताओं के साथ स्वयं ब्रह्माजी उस बालक के पास पहुंचे. ब्रह्माजी को आया देख समुद्र भी आए. उन्होंने बालक को उठाकर ब्रह्माजी की गोद में दे दिया. ब्रह्माजी ने पूछा- हे सागर यह बताओ कि यह बालक किसका है?
समुद्र ने कहा- हे परमपिता यह तो मुझे नहीं पता. गंगासागर के तट पर यह अचानक प्रकट हुआ है. आप इस बालक का जाति-कर्म आदि संस्कार करें और इसका जातक फल बताइए. वह बालक ब्रह्माजी के गले में बार-बार हाथ डालकर उनके साथ खेलने लगा.
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