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आज के दिन सभी राशि के जातकों को मंदिर में जाकर शनि महाराज का तैलाभिषेक करना चाहिए, शिवजी की पूजा करनी चाहिए लेकिन मेष, सिंह, तुला, वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए विशेष रूप से पूजाकी आवश्यकता है.
मेष व सिंह राशि पर अभी शनि की ढैय्या चल रही है. धनु, तुला और वृश्चिक पर शनि की साढ़ेसाती है. तुला पर साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या है तो वृश्चिक राशि के लिए द्वितीय ढैय्या जबकि धनु राशि पर पहला ढैय्या है.
इन पांचों राशि वालों को इस दिन पूजा से शनि पीड़ा से पूरे साल राहत मिलेगी.
किन्हें विशेष रूप से करनी चाहिए शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा.
-जिनकी कुंडली में शनि दोष हो.
-शनि नीच होकर बैठे हों. शनि शत्रुघर में हों, किसी पापग्रह के साथ बैठे हों.
-ढैय्या या साढेसाती के प्रभाव में हों.
-शनि का मारकेश हो.
ऐसे लोगों को शनि के कारण पीड़ा भोगना पड़ता है. उन्हें शनिदेव को प्रसन्न करने के विशेष उपाय करने चाहिए.
शनि दोष व्यक्ति को निर्धन, आलसी, दुःखी, नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला, अल्पायु निराशावादी, जुआरी, कान का रोगी, कब्ज का रोगी, जोड़ों के दर्द से पीड़ित, वहमी, उदासीन, नास्तिक, बेईमान, तिरस्कृत, कपटी, अधार्मिक, व्यापार में हानि सहने वाला तथा मुकदमे व चुनावों में पराजित होने वाला बनाता है.
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