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वेदपाठी ब्राह्मण से कराए जाने वाले उपायः

शनि ग्रह की शांति के लिए वैदिक मंत्र, बीजमंत्र और तंत्र मंत्र के एक विशेष संख्या में जप के बाद शमी की लकड़ी से हवन कराने से शनि की कष्टमयी पीडा से तत्काल राहत मिलती है. जो लोग शनि के कारण बहुत पीडित हैं उन्हें इसका सहारा लेना चाहिए.

वैसे तो शनि के 23,000 मंत्रों के जप का ही विधान है किंतु कलियुग में मंत्रों का प्रभाव तब होता है जब उसे चौगुना पाठ किया जाए. कलौ चतुर्गुणितं प्रोक्तं. इसलिए शनि के मंत्रों का 92,000 पाठ कराना चाहिए.

शनि वैदिक मंत्रः

ऊं शनों देवीरभिष्ठयsआपो भवन्तु पीतये।
शंयोरभित्रवन्तु नः।

शनि बीज मंत्रः
ऊं ऐं ह्रीं, श्रीं शनैश्चराय नमः

शनि तंत्र-मंत्रः
ऊं शं शनैश्चराय नमः

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