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भगवान विष्णु का स्मरण करके स्नान का संकल्प कर तीर्थ एवं देवता आदि को क्रम से अर्ध्य दें और कहें- हे हृषिकेश इस मेरे अर्ध्य को ग्रहण करिए आपको नमस्कार है. बैकुठ में, प्रयाग में अथवा बद्रिकाश्रम जहां मुनि वेद एवं यज्ञों सहित जहां तीन प्रकार से विष्णु ने पदस्थापित किया है वहां सभी देवता मेरी रक्षा करें. हे कृष्ण कार्तिक मास में दिए मेरे अर्ध्य को ग्रहण करिए.
भागीरथी, विष्णु, शिव, सूर्य, आदि को नमस्कार करके जल में प्रवेश करें और नाभि तक जल में समाकर विधिपूर्वक स्नान करें. गृहस्थ आंवले चूर्ण और तिल मलकर स्नान करें.
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