[sc:fb]

प्रतियोगिता की परख का दिवस भी आया. सभी अपनी-अपनी बिल्लियों और गायों के साथ आए.

सबकी तन्दरूस्त बिल्लियां दूध पर टूट पड़ीं, गाय की उपेक्षा हुई लेकिन उस युवक की पतली दुबली बिल्ली ने दूध को मुँह भी न लगाया.

इस प्रकार वह युवक शर्त जीत गया. उसकी गाय भी सबसे ज्यादा स्वस्थ थी.

सेठ ने उसे उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा कर दी. हालांकि युवक निर्णय नहीं कर पा रहा था.

तभी सेठ ने युवक से पूछा- तुमने बिल्ली के बजाय गाय की सेवा की और तुम्हारी बिल्ली तुम्हारे नियंत्रण में है, ऐसा कैसे हुआ?

युवक ने कहा- इस संसार में बिल्ली को अनावशयक खिलाकर सन्तुष्ट नहीँ किया जा सकता उसे सिर्फ दण्ड से नियंत्रित किया जा सकता है. गाय की सेवा से उसने ज्यादा दूध दिया जिसे खाकर और दूध बेचकर मेरी आर्थिक स्थिति ठीक हुई.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here