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एक संन्यासी दरबार में आए. वह राज्य की स्थिति बताना चाहते थे लेकिन राजा को तो दरबार में डर लगता था. वह उन्हें किसी बहाने महल में ले आया और पूरा महल दिखाया.
महल दिखाकर राजा ने पूछा- महल कैसे लगा? संन्यासी ने कहा- सुंदर है, सुख के सारे प्रबंध हैं पर एक भूल हो गई. इसमें दरवाजा नहीं होना चाहिए था. दरवाजे से दुश्मन तो नहीं आएंगे लेकिन मौत आ गई तो!
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