लेटेस्ट कथाओं के लिए प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प डाउनलोड करें।google_play_store_icon

भगवान श्रीराम समुद्र पर पुल बांध रहे थे तब उन्होंने सभी विध्नों का नाश करने के लिए गणेशजी की स्थापना कर नल के हाथों से नवग्रहों की नौ प्रतिमाएं स्थापित कराईं.

श्रीराम को रामेश्वरम में (जहां भूमि से सागर का संयोग होता है) अपने नाम पर एक शिवलिंग स्थापित करने की इच्छा हुई.

उन्होंने हनुमानजी को बुलाकर कहा- आप काशी चले जाइए और भगवान शंकर से मांगकर एक शिवलिंग ले आइए. लेकिन ध्यान रहे शुभ मुहूर्त बीतने न पाए.

हनुमानजी उड़े और क्षण भर में काशी पहुंच गए. शिवजी बोले- मैं खुद ही दक्षिण की ओर जाने की सोच रहा था क्योंकि विंध्याचल को नीचा करने के लिए अगस्त्यजी यहां से चले गए हैं लेकिन उन्हें मेरे बिना मन नहीं लग रहा. वह मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here