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‘नानकदेव ने मुस्कराते हुए कहा, ‘ आपको इसका जवाब जल्द ही मिल जाएगा.’ नानकदेव ने उस साहूकार को गंगाघाट पर स्वर्ण मुद्रांओ से भरा एक थाल लेकर आने को कहा. नानकदेव वहां प्रवचन कर रहे थे. सेठ सोने के सिक्कों से भरी एक थाली लेकर आया और नानकदेव के पास रख दिया. खुद बैठकर प्रवचन सुनने लगा.
प्रवचन समाप्त होते ही नानकदेव ने थाल से सोने के सिक्के उठाकर कुछ जमीन पर और कुछ गंगा में फेंकनी शुरू कर दी. लोगों ने नानकदेव को ऐसा करते देखा तो सोने के सिक्के झपटने की होड़ में एक दूसरे के ऊपर कूदने लगे. कुछ सिक्के लपकने के लिए गंगा में ही कूद गए. इस अफरातफरी में कई लोग घायल हो गए. वहां मारपीट शुरू हो गई.
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Shandar upyogi jankaree katha/kahaneion k dwara sabhi tk pahunchtee hn, jo karya aapke dwara kiya gaya ek achha kam h
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