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उपमन्यु ने अश्विनीकुमारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा- देव, क्षमा करें. मैं अपने गुरू की आज्ञा के बिना कुछ नहीं खा सकता.

अश्विनी कुमारों ने उपमन्यु की परीक्षा लेने के लिए कहा- तुम्हारे गुरू भी एक बार अंधे हो गए थे. हमने उन्हें भी औषधि दी. उन्होंने भी बिना अपने गुरू की आज्ञा लिए इसे खाकर अपनी आंखें पाई थीं.

उपमन्यु ने कहा- वह मेरे गुरू हैं. उन्होंने कुछ भी किया हो, मुझे उससे कोई सरोकार नहीं परंतु मैं बिना गुरू की आज्ञा के नहीं खाउंगा भले ही मुझे जीवनभर अंधा रहना पड़े.

इस गुरुभक्ति से प्रसन्न होकर अश्विनी कुमारों ने उपमन्यु को बहुत सी विद्या देकर ज्ञानी बना दिया. (उपनिषद की कथा)

संकलन व संपादनः राजन प्रकाश

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2 COMMENTS

  1. Please share stories, of Chatriya, so there will be more and more Chatriya will be created, all Hindus have lost their Chatriya.
    Have no one to fight for Hindu dharma, no one have love for their society.
    Awareness need to be created.
    All Hindu ritual need to be compare with science, because Hinduism is purely based on science.

    • आपने बहुत जरूरी बात की ओर ध्यान आकृष्ट किया है. हम इसे समझते हैं. प्रभु शरणम् ऐप्प पर लगातार इस दिशा में प्रयास भी कर रहे हैं. आप प्ले स्टोर से Prabhu Sharnam App डाउनलोड करलें. वहां आपको यह सब मिलेगा. धन्यवाद

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