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आज ऐसी कथा लेकर आया हूं जिसे आपने जरूर ही सुनी होगी. तो फिर मैं क्यों फिर से लेकर आ गया और सुनी हुई कथा है तो आप फिर से क्यों सुनें! आपने अभी तक यह कथा बस सुनी है लेकिन आप इसे यह नहीं समझ पाए थे कि यह कथा तो आपकी ही है.
आपकी कथा आपको ही सुनाउंगा. धैर्य से पूरा पढ़ेंगे तो आपको आज अपना मोल पता चलेगा. यदि पढ़ भी रखी हो तो एक बार पढ़ने में क्या हर्ज है. शायद कोई नई बात ऐसी मिल जाए जिससे आप इसे दस बार और पढ़ें. दो मिनट का धैर्य रखिए और ध्यान से अंत तक पढ़िए.
एक पहुंचे हुए महात्माजी थे. उनके पास एक शिष्य भी रहता था. एक बार महात्माजी कहीं गए हुए थे उस दौरान एक व्यक्ति आश्रम में आया. आगंतुक ने कहा- मेरा बेटा बहुत बीमार है. इसे ठीक करने का उपाय पूछने आया हूं.
शिष्य ने बताया कि महात्माजी तो नहीं हैं, आप कल आइए. आगंतुक बहुत दूर से और बड़ी आस लेकर आया था. उसने शिष्य से ही कहा- आप भी तो महात्माजी के शिष्य हैं. आप ही कोई उपाय बता दें बड़ी कृपा होगी. मुझे निराश न करें. दूर से आया हूं.
उसकी परेशानी देखकर शिष्य ने कहा- सरल उपाय है. किसी पवित्र चीज पर राम नाम तीन बार लिख लो. फिर उसे धोकर अपने पुत्र को पिला दो. ठीक हो जाएगा.
दूसरे दिन वह व्यक्ति फिर आया. उसके शिष्य के बताए अनुसार कार्य किया था तो उसके पुत्र को आऱाम हो गया था. वह आभार व्यक्त करने आया था.
महात्माजी कुटिया पर मौजूद थे. आगंतुक ने महात्माजी के दर्शन किए और सारी बात कही- बड़े आश्चर्य की बात है, मेरे बेटा ऐसे उठ बैठा जैसे कोई रोग ही न रहा हो.
यह सब जानकर महात्माजी शिष्य से नाराज हुए.
वह बोले- साधारण सी पीड़ा के लिए तूने राम नाम का तीन बार प्रयोग कराया. तुम्हें राम नाम की महिमा ही नहीं पता. इसके एक उच्चारण से ही अनंत पाप कट जाते हैं. तुम इस आश्रम में रहने योग्य नहीं हो. जहां इच्छा है वहां चले जाओ.
शिष्य ने उनके पैर पकड़ लिए. माफी मांगने लगा. महात्माजी ने क्षमा भी कर दिया पर उन्होंने सोचा कि शिष्य को यह समझाना भी जरूरी है आखिर उसने गलती क्या की.
महात्माजी ने एक चमकता पत्थर शिष्य को दिया और बोले- शहर जाकर इसकी कीमत करा लाओ. ध्यान रहे बेचना नहीं है. बस लिखते जाना कि किसने कितनी कीमत लगाई.
यहां रूकना नहीं है. कथा पढ़ते रहिए. यहतो भूमिका है, असली बात तो अभी आऩी बाकी है.
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I am motivated to this story but depressed when my time will come moreover, evil person getting all things.
आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
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