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उसने धर्मानुसार प्रजा का पालन किया. उसके राज्य में सभी प्रसन्न भी थे. फिर धर्मपालक जलंधर अधर्म की राह पर क्यों चला गया. तेरहवां अध्याय पूर्ण, कथा जारी रहेगी.

संकलन व संपादनः राजन प्रकाश
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