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तुलाः

आपकी राशि का स्वामी शुक्र है. आप नव विवाहित वधू को भोजन कराएं तो आप पर लक्ष्मी जी प्रसन्न होंगी और घर में बरकत बनी रहेगी. आपको साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. लक्ष्मी जी के मन्दिर में गाय का घी दान दें. चावल, श्वेत चंदन, चीनी, दही, श्वेत पदार्थ का दान सामर्थ्य अनुसार करना चाहिए. ज्योतिषी के परामर्श से हीरा धारण कर सकते हैं. शिवजी शुक्र के गुरू रहे हैं. इसलिए आपको शिवजी की विशेष पूजा करनी चाहिए. ऊं नमः शिवाय का जप करते हुए शिवजी को जल चढ़ावें.

वृश्चिकः

आपकी राशि का स्वामी मंगल है. मंगल पराक्रम का ग्रह है. इसके प्रभाव से पराक्रम तो मिलता है लेकिन उग्रता भी हो सकती है. आप रोज रात को तांबे के बर्तन में पानी भर कर उसे अपने सिरहाने रख कर सोएं. सुबह कांटेदार वृक्ष में डाल दें तो आपके घर में शांति रहेगी और सारी नकारात्मकता खत्म हो जाएगी. किसी गरीब को मूंग, मसूर की दाल, गेहूं, गुड, आदि दान कर दें. केसर, लाल पुष्प, लाल चंदन, आदि मंदिर में चढ़ाएं, लाल वस्त्र, लाल बैल या गाय, सोना, तांबा, मूंगा या भूमिदान भी सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए. वृश्चिक राशि वालों के लिए हनुमानजी की आराधना जरूर करनी चाहिए. प्रतिदिन सोने से पूर्व 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें, बहुत लाभ होगा.

धनुः

धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है. बृहस्पति देवगुरू हैं. इनको पीला रंग प्रिय है. आपको गुरु को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए. रोज गाय को चारा दें, अपने घर के पिछले हिस्से में कहीं केले का पौधा लगाएं और उसमें गुरूवार को जरूर जल दें. केसर का तिलक लगाएं. चने की दाल, चीनी, पीला फूल, पुस्तक आदि का दान करना चाहिए. हर गुरुवार को किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं. ऊं बृं बृहस्पत्यै नमः की एक माला गुरूवार को जरूर जपें. आपको ऊं नमो भगवते वासुदेवाय की एक माला का प्रतिदिन जाप करना चाहिए.

मकर, कुंभ और मीन राशि का उपाय अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

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