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संभव हो तो सरसो का तेल, उडद, काले तिल, कुलथी, गुड, शनिदेव पर अर्पित कर दें. नहीं भी कर पा रहे हैं तो शनिदेव का ध्यान करके शनिमंत्र तो जप ही लें.
इसके अलावा शनि महात्मय का श्रवण करें, दूसरों को सुनाएं. शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया था कि वह उनके भक्तों को पीड़ित नहीं करेंगे. इसलिए आपकी आराधना बिना हनुमत आराधना के पूरी नहीं होगी.
हनुमान चालीसा का पाठ करें. जिनके पास समय हो और कर सकते हों वे सुंदर कांड का पाठ यदि एक बार कर लें तो और उत्तम है, अन्यथा हनुमान चालीसा और बजरंग बाण तो पढ़ ही लें. आपके एप्प में यह सब मौजूद है.
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