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श्रीकृष्णजी इतना बताने के बाद सत्यभामा से बोले-हे प्रिये ये दोनों व्रत मुझे अत्यधिक प्रिय हैं जिसके करने से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुत्र और संपत्ति की प्राप्ति होती है.

कार्तिक की तुला राशि पर सूर्य निकलने पर अघर महापापी भी प्रातःस्नान करते हैं वे भी मुक्ति को प्राप्त करते हैं. जो मनुष्य स्नान, जागरण, दीपदान और तुलसी आराधना करते हैं वे विष्णु रूप हो जाते हैं.
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