हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]
जाला अभी थोड़ा सा ही बुना था कि उसे एक काक्रोच नजर आया. काक्रोच जाले को अचरज भरी नजरों से देख रहा था. मकड़ी ने पूछा- इस तरह क्यों देख रहे हो?
काक्रोच बोला- अरे यहां कहां जाला बुनने चली आयी. ये तो बेकार आलमारी है. अभी यह यहां पड़ी है कुछ दिनों बाद इसे बेच दिया जायेगा फिर तुम्हारी सारी मेहनत बेकार चली जायेगी.
मकड़ी को बात जंची उसने वहां से हट जाना ही बेहतर समझा. बार-बार प्रयास करने से वह काफी थक चुकी थी. उसमें जाला बुनने की ताकत ही नहीं बची थी.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.