अक्सर लोगों को एक अंजाने डर से परेशान देखा जाता है कि कहीं उन पर तंत्र-मंत्र, जादू-टोना तो नहीं करा दिया गया है। क्या तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, काला जादू आदि का अस्तित्व है! तांत्रिक प्रयोग हुआ है क्या इसे जांचने का कोई तरीका है? आपके मन में ये प्रश्न कभी आए हैं तो पोस्ट पूरा पढ़िएगा।
लेख का उद्देश्य आपको तांत्रिक प्रयोगों से परिचित कराना है ताकि आप इस शास्त्र को समझें और सावधान रहें। सबसे पहले यह समझना होगा कि क्या तंत्र-मंत्र, काला जादू, टोना आदि होते भी हैं? हो सकता है आपका विवेकशील दिमाग कई बार स्वीकार न करे लेकिन ऐसा होता है। आगे समझाएंगे इस बात को। दूसरी बात, शिवजी द्वारा रचे तंत्रशास्त्र से बहुत डरने की जरूरत नहीं। आपके मन का भय भी निकालेंगे। ध्यान से, गंभीरता से पढे़ं-
धार्मिक व प्रेरक कथाओं के लिए प्रभु शरणम् के फेसबुक पेज से जु़ड़े, लिंक-
[sc:fb]
संसार में जहां सात्विक शक्तियां हैं वहीं तामसी और पिशाची शक्तियां भी हैं। सत और असत दोनों का साथ-साथ अस्तित्व है। आपने यदि कोई पूजा विधिवत की हो तो याद करिए, अंगन्यास करते समय आप देव और असुर दोनों का स्मरण करते हैं। दोनों को नमस्कार करते हैं। तो जहां सत्य की शक्ति है वहीं असत्य की भी शक्ति है। असत्य हो ही नहीं तो सत्य के होने का अंदाजा कैसे लगेगा।
कौन है पहला तांत्रिकः
शिवजी ने तंत्रशास्त्र रचा इसलिए आप कह सकते हैं कि पहले तांत्रिक महादेव ही हैं। तंत्रशास्त्र रचने का उनका उद्देश्य था कल्याण पर इसका दुरुपयोग भी किया लोगों ने। जैसे डायनामाइट का प्रयोग पहाड़ काटकर सड़क बनाने में किया जा सकता है, किसी का घर उजाड़ने में भी। बंदूक सिपाही के हाथ में है रक्षा के लिए, आतंकी के हाथ है तो हिंसा के लिए। बंदूक का दोष नहीं, प्रयोग करने वाले का दोष है।
यह भी बता दें दुष्ट शक्तियों का अस्तित्व थोड़ी देर के लिए होता है। वे जितनी तेजी से बढ़ती है उतनी ही तेजी से नष्ट हो जाती हैं। हमें बस उनके बढ़ने और नष्ट होने के बीच के थोड़े समय पर सचेत और तैयार रहना होता है। बस इतना ही है। बहुत डरने की जरूरत नहीं, जरूरत है सतर्क रहने की। तंत्र शास्त्र का अस्सी प्रतिशत हिस्सा शुभ कर्मों के लिए है इसलिए तंत्र साधक बुरे होते हैं ऐसी धारण ठीक नहीं। इसकी साधना तो सामान्य सी बात है। बिल्कुल वैसे ही जैसे मंत्र साधना किसी को लाभ पहुंचाने के लिए होती है.
जब मंत्र हैं ही तो फिर तंत्र क्यों बना?
माना जाता है कि तंत्र से मंत्र के मुकाबले अभीष्ट की प्राप्ति ज्यादा जल्दी हो जाती है। इसमें इष्ट को विवश कर दिया जाता है मनोकामना पूर्ति के लिए पर यही बात इस तंत्र साधना के विरूद्ध भी जाती है। तंत्र का बीस प्रतिशत हिस्सा जो काली शक्तियों के प्रयोग के लिए होता है। उसका प्रयोग तांत्रिक अपने क्षुद्र स्वार्थों के लिए करते हैं। जिससे तंत्र शास्त्र की बदनामी ज्यादा हुई है।
[irp posts=”6932″ name=”सपने में शिव जी दिख जाएं तो क्या अर्थ लगाएं?”]
तंत्र प्रयोग से बहुत डर जाना चाहिए, कैसे जानें कि हम पर जादू-टोना किया गया हैः
बहुत डरने की जरूरत ही नहीं है, बस सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि तांत्रिक यह भी जानते हैं कि भगवान शिव के बनाए हुए इस महान शास्त्र का दुरुपयोग करने पर उसका बहुत बुरा दंड भोगना पडता है। इसके प्रयोग करने वाले अंततः बहुत ही बुरी गति को प्राप्त होता है फिर भी लाभ के लालच में लोग अक्सर तंत्रशास्त्र का दुरुपयोग करते हैं। तंत्र साधना या तंत्र का प्रयोग एक दोधारी तलवार है। इसे आप जिस पर चला रहे हैं उसकी गर्दन तो कटेगी ही आपका भी हाथ कटेगा यह निश्चित है।
यदि जिस पर तंत्र का प्रयोग किया है वह शिव, काली या हनुमानजी का बड़ा भक्त है तो उसको तो मामूली क्षति होगी आपका नुकसान ज्यादा हो जाएगा। यानी तंत्र प्रयोग के चक्कर में आप अपना ही नुकसान कर बैठेंगे। न माया मिली न राम।
हिंदू धर्म से जुड़ी सभी शास्त्र आधारित जानकारियों के लिए प्रभु शरणम् से जुड़ें. एक बार ये लिंक क्लिक करके देखें फिर निर्णय करें. सर्वश्रेष्ठ हिंदू ऐप्प प्रभु शरणम् फ्री है.
Android ऐप्प के लिए यहां क्लिक करें
लिंक काम न करता हो तो प्लेस्टोर में सर्च करें-PRABHU SHARNAM
किन लक्षणों से पहचाना जाए कि किसी पर तांत्रिक प्रयोग या जादू-टोना किया गया है। सबसे सामान्य लक्षणों के बारे में जानेंगे जो इशारा देते हैं कि किसी पर तंत्र प्रयोग हुआ है। यह सब अगले पेज पर पढिए.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.
Excellent