जिनके दर्शन से असाध्य रोग ठीक होते हैं, वे भगवान जगन्नाथ बीमार हुए हैं. भगवान यदि मानवस्वरूप धर रहे हैं, तो अल्पबुद्धि मानव भी उन्हें अपने जैसा मान रहा है. सोचें…