श्री रामशलाका प्रश्नावली

श्री रामशलाका प्रश्नावली

राम शलाका प्रश्नावली का परिचयः

रामशलाका प्रश्नावली तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में आई है. तुलसीदास कहते हैं कि यदि किसी प्रश्न को लेकर अनिर्णय की स्थिति है तो उसपर प्रभु से संकेत मांगें.

आप कोई काम करना चाह रहे हैं लेकिन तय नहीं कर पा रहे कि क्या किया जाए, किया जाए भी या नहीं किया जाए, तो अपने मन की दुविधा भगवान श्रीराम को सौंप दें.

तुलसी कहते हैं श्रीराम का मन से स्मरण करते हुए उनसे राह सुझाने की प्रार्थना करनी चाहिए. रामशलाका प्रश्नावली प्रभु के संकेत दर्शाती है.

मन में प्रश्न सोच लें. फिर आंखें मूंदकर श्रद्धा से श्रीराम का नाम लेकर अपनी अंगुली (कंप्यूटर पर माउस/cursor) शलाका के किसी एक खाने पर रख दें.

उससे एक चौपाई बन जाएगी. उस चौपाई में ही आपके प्रश्न का उत्तर छिपा है. राम शलाका की हर चौपाई में एक संकेत छुपा है.

तुलसीदास जी कहते हैं उसी संकेत के आधार पर आप निर्णय का विचार कर सकते हैं.

सु प्र बि हो मु सु नु बि धर धि
रु सि सि हिं है मं अं
सो सु कु सु ही धा बे नो
त्य जो रि की हो रा
पु सु सी जे कु सं रे हो नि
सं हुँ तु
का रा मि मी म्हा जा खा
ता रा रे री हृ को जू रा पू
हीं जि गो मु जि यँ ने फनि रि मि
हि रा मि मनि न्मु खि जि सम र्क जग
सिं नु को मि नि जं धु सु का
ढ़ रि नि गुन का
ना पु वै ती हुँ तु नु
सि सु म्ह रा धी जा
रा ला री हू हीं जू रे

6 replies on “श्री रामशलाका प्रश्नावली”

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