shani-2
लेटेस्ट कथाओं के लिए प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प डाउनलोड करें।
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें

एक बार सूर्य, चंद्रमा, मंगल,बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू, केतु इन सब ग्रहों में आपस में विवाद हो गया कि हममे से सबसे बड़ा कौन है. सब अपने को श्रेष्ठ बताते थे. जब आपस में कोई निर्णय नहीं हो सका तो वे देवराज इंद्र के पास पहुंचे. सभी ने इंद्र से यह निर्णय करने को कहा कि नवग्रहों में श्रेष्ठ कौन है.

इंद्र इस प्रश्न से असमंजस में पड़ गए. उन्होंने अपनी बला टालते हुए कहा- मुझमे यह सामर्थ्य नहीं है कि मै ग्रहों में से किसी के छोटा या बड़ा होने का निर्णय कर सकूँ. धरती पर सर्वश्रेष्ठ परमार्थी राजा विक्रमादित्य जो दूसरों के कष्टों का निवारण करने वाले है. आप सब उनके पास जाएं. शायद वह इसका निवारण कर सकें.

सभी ग्रह-देवता देवलोक राजा विक्रमादित्य की सभा में उपस्थित हुए और अपना प्रश्न राजा के सामने रखा.
राजा विक्रमादित्य ग्रहों की बाते सुनकर गहन चिंता में पड़ गए. वह भी निर्णय नहीं कर पा रहे थे कि किसे छोटा और किसे बड़ा कहें. उन्हें भय था कि जिसे वह छोटा कहेंगे उसके क्रोध का शिकार बनना पड़ेगा.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here