the-story-of-savitri-satyavan
बेहतर अनुभव और लेटेस्ट कथाओं के लिए प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प डाउनलोड करें।google_play_store_icon

वट सावित्री व्रत का तीन दिनों का अनुष्ठान आरंभ हो चुका है. सावित्री ने पति की मृत्यु का समय समीप देखकर तीन दिनों की विशेष पूजा की थी. वट सावित्री में सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने की महिमा है.

भद्र देश के राजा अश्वपति संतान हीन थे. उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए कई वर्षों का तप किया जिससे देवी सावित्री प्रसन्न हुईं. राजा ने उनसे एक संतान की याचना की.

सावित्री की कृपा से रानी गर्भवती हुईं और समय आने पर उन्होंने एक पुत्री को जन्म दिया. देवी सावित्री की कृपा से हुई संतान का राजा अश्वपति ने नाम सावित्री ही रखा.

सावित्री सभी गुणों से संपन्न एक तेजस्वी कन्या थी. राजा को कोई भी वर उसके योग्य नहीं समझा आता था इस कारण सावित्री के पिता दुःखी रहने लगे.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here