[sc:fb]

हनुमानजी ने चित्रसेना को उसके पिता के पास पहुंचा दिया. चित्रसेना को प्रभु ने अगले जन्म में पत्नी बनाने का वरदान दिया था. भगवान विष्णु की पत्नी बनने की चाह में उसने स्वयं को अग्नि में भस्म कर लिया.

श्री राम और लक्ष्मण, मकरध्वज और हनुमानजी सहित वापस लंका में सुवेल पर्वत पर लौट आये. कथा संपन्न. (स्कंद पुराण और आनंद रामायण के सारकांड की कथा)

संकलनः सीमा श्रीवास्तव
संपादनः राजन प्रकाश

हम ऐसी कथाएँ देते रहते हैं. फेसबुक पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा. https://www.facebook.com/PrabhuSharanam कथा पसंद आने पर हमारे फेसबुक पोस्ट से यह कथा जरुर शेयर करें.

धार्मिक चर्चा में भाग लेने के लिए हमारा फेसबुक ग्रुप ज्वाइन करें. https://www.facebook.com/groups/prabhusharnam

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here