हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[fblike]

यह कथा आगे सुनाएंगे. भागवत में इसके बाद परशुराम की कथा और उसके बाद ययाति की कथा आती है. हम भागवत में कथाओं का क्रम नहीं तोड़ना चाहते इसलिए परशुराम और ययाति की कथा फिर से सुनाएंगे.

पुरुरवा और उर्वशी की प्रेम कथा भागवत के अलावा ऋग्वेद में भी आती है. दोनों में बहुत थोड़ा सा अंतर है. आज जो हमने ऊपर कथा दी उसमें दोनों का सार है.

पुरुरवा और उर्वशी की प्रेम कथा जिस पर देवों और गंधर्वों को गर्व हुआ था और उन्होंने पुरुरवा को स्वर्ग में वास करने की अनुमति देने के प्रयत्न किए थे वह पौरणिक प्रेम गाथा दिग् दिगंत में अजर-अमर हो गई है.

कभी समय मिला तो पुरुरवा और उर्वशी की पौराणिक प्रेम गाथा को विस्तार से सुनाएंगे.

संकलन व संपादनः प्रभु शरणम्

कहानी पसंद आई तो हमारा फेसबुक पेज https://www.facebook.com/PrabhuSharanam जरूर लाइक करें. हम ऐसी कहानियां देते रहते हैं. पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here