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इसके चलते अब मैं भी पापमुक्त हो गया. मुझमें बुद्धि का उदय हो गया. आपके चलते और भगवान की कृपा से मैं राक्षस से मनुष्य बन गया. अब मेरे लिए क्या आज्ञा है? राजा वसु घोर आश्चर्य में डूबे हुये यह सब सुन रहे थे.
वह बोले- हे व्याध आपके कारण मुझे पिछले जन्मों का स्मरण हुआ. मेरे प्रभाव से अब आपको व्याध नहीं धर्मव्याध के नाम से जाना जाएगा. आप विश्वप्रसिद्ध होंगे. यह पुडरीकाक्ष स्त्रोत जो भी सुनेगा उसे पुष्कर तीर्थ के स्नान का फल प्राप्त होगा.
यह कथा सुनाकर भगवान वाराह ने पृथ्वी से कहा- हे पृथ्वी! इसके बाद वसु के लिए विष्णुलोक से सजीला रथ आया और वसु उसमें सवार होकर विष्णुलोक चले गए. पुंडरीकाक्ष स्त्रोत की सिद्धि के प्रभाव से वे मुझमें विलीन हो गये.
संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली
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