नवरात्रि हवन की विधि

चैत्र नवरात्रि 2017 में कलश स्थापना

चैत्र नवरात्र 2017 की आरंभ तिथि और कलश स्थापना को लेकर माता भक्तों में बड़ी चर्चा चल रही है। किस दिन करें कलश पूजन इस पर कई मत सामने आ रहे हैं। कुछ 28 मार्च को प्रतिपदा की तिथि बता रहे हैं तो कुछ 29 को। यह भ्रम की स्थिति अमावस्या पीड़ित प्रतिपदा के कारण बनी है। शास्त्रानुसार इस विषय पर कुछ आवश्यक बातें आपको बता रहे हैं.

चैत्र नवरात्र 2017 की प्रतिपदा यानी पहली तिथि तो 28 मार्च से शुरू हो रही है परंतु सुबह 8 बजे तक अमावस्या भी है। कलश स्थापना को लेकर कई प्रश्न चल रहे हैं।

देवी पुराण अनुसार:
“योमां पूज्यते भक्त द्वितीयायां गुणान्विता ।
प्रतिपच्छारदिं पूजां सोऽश्नुते सुखमव्ययम् ।।
यदि कुर्यादमायुक्त प्रतिपत् स्थापनं मम् ।
तस्मै शापायुतं दत्वा तस्य शेषं करोम्यहम् ।।”

अर्थात्- जो मेरी पूजा भक्ति से द्वितीया युक्त प्रतिपदा में करता है उसे अव्यय सुख यानी समाप्त न होने वाले सुख की प्राप्ति होती है। यदि कोई भक्त मेरा पूजन अमावास्या युक्त प्रतिपदा में करता है तो मैं उसे शाप देकर उसका नाश करती हूँ।

तिथि चिन्तिमणि के अनुसार विचार करें तो-
अमायुक्ता न कर्त्तव्या प्रतिपच् चण्डिकार्चने ।
मुहुर्त्तमात्रा कर्त्तव्या द्वितीयायां गुणान्विता ।।
(अर्थात, अमावास्या से युक्त प्रतिपदा में चण्डिका का पूजन नहीं करना चाहिए। एक मुहूर्त भी यदि द्वितीया के दिन प्रतिपदा हो तो उसी दिन देवी पूजन करना चाहिए।)

जिस तिथि में भगवान भास्कर का उदय होता है उसी तिथि को पूजन कार्य के लिए उत्तम समझना चाहिए। 28 मार्च को दिन के 08:11 मिनट तक अमावास्या है जबकि सारे तथ्यों से ज्ञात होता है कि अमावास्या युक्त प्रतिपदा में चण्डिका पूजन नहीं होना चाहिए इसलिए 28 को न प्रारंभ कर 29 मार्च बुधवार को कलश स्थापन करना चाहिए, जो शास्त्र सम्मत है। अतः बुधवार यानी 29 मार्च को प्रतिपदा व द्वितीया दोनों निमित्त पूजन हो।

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चैत्र नवरात्र की मुख्य तिथियां निम्न प्रकार से हैं-

29 मार्चः इस दिन घटस्थापना करें। माँ शैलपुत्री एवं माँ ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा नियमानुसार होगी।

30 मार्चःनवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा स्वरूप की आराधना होगी.

31 मार्च: नवरात्र के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप का पूजन करें.

1 अप्रैल: नवरात्र के पांचवें दिन देवी दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप का पूजन करें.

2 अप्रैल: नवरात्र के छठे दिन देवी दुर्गा के मां कात्यायनी स्वरूप का पूजन करें.

3 अप्रैल: नवरात्र के सातवें दिन देवी दुर्गा के मां कालरात्रि स्वरूप का पूजन करें

4 अप्रैल: नवरात्र के आठवें दिन देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप का पूजन करें.

5 अप्रैल 2017: नवरात्र के नौवें दिन देवी दुर्गा के सिद्धदात्री स्वरूप का पूजन करें

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।।ॐ नमश्चंडिकायै।।

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