[sc:fb]
प्रलंयकारी हुंकार भरती हुई महाकाली दौड़ रहीं थी. उनके वेग से संसार कांप रहा था. प्रलय की आशंका थी.
असुरों के साथ ही देवतागण भी भयभीत थे. उन्हें भय था कि यदि क्रोध को शांत न किया गया तो महाकाली सर्वनाश कर देंगी.
सभी ने शिवजी की ओर देखा. शिवजी रणभूमि में लेटे थे तभी महाकाली के चरण शिवजी पर पड़ गए.
जब उन्होंने शिवजी को पैरों के नीचे देखा तो वह एकदम से ठिठक गईं. उन्हें आशंका हुई कि क्या उन्होंने शिवजी पर प्रहार कर दिया है?
महाकाली संकोच में पड़ गई. उन्होंने युद्धभूमि नें दृष्टि दौड़ाई तो वहां असुरों का कोई नामोनिशान न था. यह देखकर उनका क्रोध शांत हो गया. (मार्कण्डेय पुराण)
मित्रों हम खोज-खोजकर धार्मिक, आध्यात्मिक और प्रेरक कहानियां लेकर आते हैं. आप फेसबुक के माध्यम से यहां तक पहुंचते हैं. आपको सरल रास्ता बताता हूं एक साथ ऐसी धार्मिक और प्रेरक कई सौ कहानियां पढ़ने का.
आप प्रभु शरणम् का एप्प ही डाउनलोड कर लें. प्रभु शरणम् हिंदू धर्मग्रंथों के प्रचार का एक धार्मिक अभियान है. धर्मग्रंथों से जुड़े गूढ़ ज्ञान से परिचित होना है तो प्रभु शरणम् का एप्प डाउनलोड कर लेना ज्यादा सरल विकल्प है. इसका लिंक नीचे दिया गया है.
अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प. लेटेस्ट कथाओं के लिए प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प डाउनलोड करें।
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
ये भी पढ़ें-
चंद सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है.
मीठा बोलने वाले सभी शुभचिंतक ही नहीं होतेः महाभारत की नीति कथा
भक्त से मिलने को कब व्याकुल हो जाते हैं स्वयं भगवान
कृष्ण ने मिट्टी क्यों खाई, क्या है इसके पीछे 12 गहरे राज
हम ऐसी कथाएँ देते रहते हैं. फेसबुक पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा. https://www.facebook.com/PrabhuSharanam कथा पसंद आने पर हमारे फेसबुक पोस्ट से यह कथा जरुर शेयर करें.