हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:mbo]
पार्वती ने महादेव से कहा कि इसके जन्म के समय सृष्टि अंधकारमय थी इससिए यह बुद्धिहीन था. अंधक को क्षमा कर देना चाहिए. महादेव ने उसे त्रिशूल से उतार दिया.

अंधक ने अपना जीवन महादेव और पार्वती की सेवा में बिताने की इच्छा व्यक्त की. महादेव ने उसे अपनी सेना का गणनायक बनाया. वही अंधकासुर शिव का प्रधान गण भृंगीरिटी बना. ( अंधकासुर कथा समाप्त)

संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली

हम ऐसी कथाएँ देते रहते हैं. फेसबुक पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा.https://www.facebook.com/MehandipurBalajiOfficial

धार्मिक चर्चा में भाग लेने के लिए हमारा फेसबुक ग्रुप ज्वाइन करें.https://www.facebook.com/groups/prabhusharnam

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here