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पांडवों के बीच नारदजी के परामर्श पर एक नियम तय हुआ. एक नियत समय तक द्रौपदी हर भाई के साथ पत्नीरूप में रहेंगी. जब एक भाई द्रौपदी के साथ एकांतवास में होंगे तो वहां दूसरा भाई नहीं जाएगा.
यदि कोई भाई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे दंडस्वरूप ब्रह्मचारी होकर बारह वर्ष के लिए वन में रहना होगा. यह नियम हर हाल में मान्य होगा. पांडवों ने अग्नि का संकल्प लेकर इस नियम के प्रतिवचनबद्धता जताई. नारदजी चले गए.
इस व्यवस्था को बनाए रखने का एक तरीका सुझाया गया.
द्रौपदी के कक्ष में किसी समय कोई भाई उपस्थित हो तो उसकी पादुकाएं यानी चप्पलें द्वार के बाहर रहेंगी. चप्पलों को देखकर कोई भी यह जान सकेगा कि कोई न कोई कक्ष में है. उस समय कोई अंदर नहीं आएगा.
इस नियम का पालन होता रहा. एक बार युधिष्ठिर द्रौपदी के संग अंतःकक्ष में प्रेमरत थे. एक अपराधी किसी के साथ अपराध करके भाग रहा था. अर्जुन ने पुकार सुनकर उसे ललकारा और उसका पीछा करने लगे. वह अपराधी महल की ओर भागा.
अर्जुन ने उसे महल के पास द्रौपदी के कक्ष तक देखा उसके बाद न जाने वह कहां गायब हो गया.
अर्जुन भागकर कक्ष के द्वार पर गए. वहां उन्हें कोई पादुका भी न दिखी. इससे उन्हें भय हुआ कि कहीं अकेली विश्राम कर रही द्रौपदी का अपराधी कुछ अहित न कर दे. इसलिए अर्जुन कक्ष में चले गए. वहां युधिष्ठिर के साथ द्रौपदी संभोगरत थीं. अचानक अर्जुन को आया देख उन्हें बड़ी लज्जा हुई. उन्होंने अर्जुन को बहुत फटकारा. नियमभंग का अपराधी बताया
अर्जुन ने कहा कि द्वार पर कोई पादुक नहीं थी. अन्यथा मुझे आने की आवश्यकता ही क्यों होती. मैं तो तुम्हारी सुरक्षा की चिंता से आया हूं पर द्रौपदी न ही युधिष्ठिर मानने को तैयार थे.
तीनों बाहर निकले. वहां पादुका नहीं थी. युधिष्ठिर असत्य कहते नहीं इसलिए उनकी बात पर शंका हो नहीं सकती. पादुका की खोज की जाने लगी. कुछ ही दूर एक कुत्ता उस पादुका को मुंह में दबाए खेल रहा था. तब जाकर सारा मामला उजागर हुआ.
द्रौपदी को यह देखकर बड़ा क्रोध आया. कुत्ते के कारण उनकी निजता भंग हुई. सहवास का आनंद खत्म हुआ साथ ही लज्जा भी झेलनी पड़ी. द्रौपदी ने कुत्ते को शाप दिया- तुम्हारे कारण मेरी निजता भंग हुई. एक स्त्री को एक पुरूष के साथ रमण करते कोई और देखे यह उसके लिए लज्जा का विषय है. तुमने मेरा सहवास सार्वजनिक कराया. सहवास का आनंद समाप्त किया और लज्जा के कारण बने. मैं शाप देती हूं कि कुत्ते सहवास का आनंद न ले सकेंगे. वे सहवास की निजता का पालन नहीं करेंगे. उनका सहवास सभी देखेंगे और उन्हें लज्जा में पडकर ही सहवास करना होगा.
कुत्ते अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर सबके सामने सहवास करते दिख जाते हैं. अन्य पशु भी खुले में सहवास करते हैं लेकिन एक अंतर है. निजता भंग होने का आभास होते ही अन्य पशु सहवास कार्य बंद कर देते हैं. परंतु कुत्ते निजता की परवाह नहीं करते.
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