chaitanya mahaprabhu
अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें

चैतन्य महाप्रभु अपने शिष्यों के साथ कही जा रहे थे. उन्होंने एक गांव में देखा कि कुछ लोग एक स्थान पर बैठे हैं और युवक गीता के श्लोक उन्हें सुना रहा है और स्वयं रो रहा है.

उस व्यक्ति के संस्कृत के उच्चारण से चैतन्य महाप्रभु को यह आभास हो गया कि इस व्यक्ति को संस्कृत का ज्ञान नहीं है लेकिन उन्हें आश्चर्य हुआ कि फिर भी वह वांच रहा है और रो रहा है.

चैतन्य उसके पास पहुंचे और पूछा- युवक क्या तुम जो वांच रहे हो उसका अर्थ भी जानते हो? रोने के कारण युवक की आंखें भरी हुई थीं. उसने मुश्किल से आंसू रोकते हुए कहा- नहीं प्रभु मुझे इसका अर्थ नहीं ज्ञात है.

चैतन्य महाप्रभु का आश्चर्य और बढ़ गया. उन्होंने पूछा- यदि तुम इसका अर्थ नहीं समझते हो तो फिर इस तरह से रोने का क्या कारण है?

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here