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मैंने सहस्त्रार्जुन के बाद इस वंश का थोड़ा विस्तृत जिक्र इसलिए किया क्योंकि इन राजाओं से वंश को नाम मिले. इसी कुल में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया.

सहस्त्रबाहु भी श्रीहरि के अंशावतार का शिष्य था. उसने रावण को पराजित कर अपने कारागार में बंद रखा था. पुलस्त्य सहस्त्रबाहु से याचना कर रावण को छुड़ा ले गए थे. परशुराम और सहस्त्रबाहु की कथा लंबी है.

मैं सहस्त्रबाहु की कथाएं अलग से कई कड़ियों में विस्तार से सुनाउंगा. चूंकि अधिकमास श्रीकृष्ण का प्रिय मास है. इसलिए मैं कथा को थोड़ा संक्षेपित करते कल से श्रीकृष्ण अवतार का प्रसंग आरंभ करूंगा.

संकलन व संपादनः प्रभु शरणम्

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