मंगल और राहु का कर्क राशि में हुआ है मिलन बना है मंगल-राहु अंगारक योग. 27 अगस्त 2017 तक चार राशियों को रहना है बहुत सतर्क. मंगल-राहु अंगारक योग के अनिष्ट से किनको रहना है सावधान, क्या है उपाय.

18 अगस्त को राहु ने राशि परिवर्तन की है और सिंह राशि से कर्क में आया है. कर्क में मंगल पहले से ही उपस्थित है. इस तरह कर्क में राहु-मंगल की युति हो गई है जो अंगारक योग कही जाती है. यह युति अधिकांशतः अनिष्टकारी सिद्ध होती है. अंगारक योग के कारण दुर्घटनाएं, भूमि को लेकर विवाद और हत्या तक, भूमि से जुड़ी प्राकृतिक आपदा जैसे भूस्खलन आदि, आकस्मिक दुर्घटनाएं, आगजनी, झूठे आरोप-प्रत्यारोप, छोटी-मोटी बात पर बड़े विवाद खड़े हो जाना आदि घटनाएं ज्यादा होती हैं.

अंगारक योग में करें हनुमद् आराधना

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इस पोस्ट में आप जानेंगे-

  • अंगारक योग के कारण किन राशियों के जातकों को रखनी है विशेष सावधानी
  • अंगारक योग से प्रभावित राशि के जातकों के लिए सरल उपाय
  • अंगारक योग में मंगल और राहु क्यों खड़ी करते हैं आपदाएं.
  • अंगारक योग के कारण किस प्रकार की आपदाओं में वृद्धि होती है.

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मंगल किसी भी राशि में 45 दिन रहता है जबकि राहु डेढ़ साल. मंगल अभी 27 अगस्त 2017 तक कर्क राशि में ही रहेगा. 18 अगस्त को राहु का कर्क राशि में प्रवेश हो चुका है. इसलिए 27 अगस्त तक का समय बहुत सावधानी का है.

मंगल राहु के अंगारक योग से वैसे तो सभी राशियां प्रभावित होंगी लेकिन चार राशियों पर इसका विशेष प्रभाव होगा. इन चार राशियों वाले लोगों को 27 अगस्त 2017 तक बहुत ज्यादा सावधानी का समय है.  सभी राशियों के लोगों को हनुमानजी की पूजा करनी है. मेष, कर्क, सिंह और धनु राशि के लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहना है.

छोटे-छोटे उपाय हैं इन राशियों के लोगों के लिए जो मैंने पोस्ट में बताए हैं. निःसंदेह इन चार राशियों के लिए बहुत ज्यादा सतर्कता का समय है लेकिन अन्य राशियों के लिए भी सावधानी पूरी रखनी है. किन-किन बातों को लेकर आपको सावधान रहने की जरूरत है यह सब इस पोस्ट में मैंने बताई है. आपके काम आएगी.

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मंगल-राहु का अंगारक योग इतना खतरनाक क्यों है?

मंगल और राहु दोनों एक दूसरे के शत्रु ग्रह हैं. राहु षड्यंत्र, झगड़े, विवाद, शत्रुबाधा देता है तो मंगल भी साहस, पराक्रम उत्तेजना, आवेश, क्रोध आदि का कारक हैं. मंगल ऊर्जा का स्रोत है, अग्नि तत्व से संबद्घ रखता है और पृथ्वी का पुत्र है. जबकि राहु भ्रम व नकारात्मक भावनाओं का प्रदर्शन करता है. ये दोनों पापग्रह हैं.

नीम पर करेला यह चढ़ा कि जब दो पापग्रह एकसाथ एक ही भाव में आ जाते हैं तो दोनों ग्रहों की शक्तियां पहले से अधिक हो जाती हैं. यानी दोनों अति करने पर आ जाएंगे.

मंगल-राहु के मिलन से बने अंगारक योग के लिए तो लाल किताब में पागल हाथी तक कहा गया है. पागल हाथी जिस प्रकार विध्वंस मचा सकता है. उसके आगे कोई नहीं टिक सकता वही हाल मंगल-राहु का अंगारक योग बना सकता है.

अंगारक योग के कारण स्वभाव में आक्रामकता, हिंसक प्रवृति एवं नकारात्मक भाव भर जाता है. इसलिए अभी यह प्रवृति लोगों में देखने को मिल सकती है पर चार राशियों मेष, कर्क, सिंह और धनु के लिए समय विशेष सावधानी का है. फूंक-फूंककर अगले सात दिन आपको कदम रखना है.

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मंगल-राहु अंगारक योग के कारण भाईयों, मित्रों रिश्तेदारों के साथ अचानक विवाद खड़ा हो सकता है. झगड़े-मारपीट तक की नौबत हो सकती है इसलिए मन को शांत रखें. अपमान सहने की शक्ति लाएं.

अंगारक योग अपराध प्रवृति की तरफ भी धकेलता है. इसलिए इस समय कुछ गलत कर जाने की प्रवृति बढ़ जाएगी.

इस योग के कारण जेल की सजा भी भुगतनी पड़ जाती है. इसलिए बेहतर है कि सतर्क रखें. अच्छे लोगों की संगति रखें. मामूली बातों पर मनमुटाव न करें. मौन धारण करें और अपने इष्ट का अधिक से अधिक जप करें.

अंगारक योग से धन संबंधित परेशानियां अचानक आ खड़ी होती हैं. धन के लेन-देन को लेकर उनसे भी विवाद हो सकता है जिनके साथ सालों का मैत्री संबंध और अटूट विश्वास है. इसलिए सतर्क रहें.

अंगारक योग के कारण माता के सुख में कमी आती है. माता को कष्ट हो सकता है. उनके स्वास्थ्य में परेशानी आ सकती है. गर्भवती स्त्रियों को प्रसव में संकट आ सकता है.

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18 अगस्त से 27 अगस्त तक मंगल राहु का अंगारक योग मेष, कर्क, सिंह और धनु को देगा विशेष कष्ट

मेष राशिः

इस राशि से चतुर्थ भाव में अंगारक योग बन रहा है. इसलिए इन राशि वालों लोगों को किसी पैतृक भूमि को लेकर विवाद हो सकता है. भूमि की खरीद-बिक्री को लेकर कुछ खटपट, गड़बड़ी या धोखा हो सकता है. गृहक्लेश की आशंका रहेगी. वाहन आदि से कुछ कष्ट हो सकता है. छोटी-मोटी बात पर भी अचानक बहुत क्रोध आएगा और किसी से भी झगड़ा हो जाएगा. इन बातों को लेकर सतर्क रहें.

आपको राहु के मंत्र- ऊँ रां राहवे नमः का यथासंभव जप करना चाहिए. हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. मंगलवार को संभव हो तो हनुमानजी के समक्ष घी का दीपक जलाकर सुंदरकांड का पाठ करें. सुंदरकांड नहीं कर पा रहे तो रात को सोने से पहले 11 बार हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ अवश्य कर लें. यह एक प्रकार का सुरक्ष कवच बना देगा.

 

कर्क राशिः

इस राशि वालों को क्रोध बहुत आएगा. आमतौर पर शांत रहने वाले लोग भी इस दौरान सामान्य बात पर बहुत उत्तेजित हो सकते हैं. वाहन से कष्ट हो सकता है इसलिए सड़क पर चलते समय और वाहन चलाते समय सतर्क रहें. रक्तचाप, शुगर, हृदय की बीमारी परेशान कर सकती है. यदि आप पहले से इन बीमारियों से ग्रस्त रहे हैं तो अपनी दवाएं आदि साथ रखें. बिना जरूरत अकेले बाहर न जाएं.

आप हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करें. शिवमंदिर में जाकर शिवजी के समक्ष घी के दीपक जलाकर ऊं नमः शिवाय का यथासंभव जप कर लें.

 

सिंह राशिः

इस राशि वाले लोगों को प्रॉपर्टी में नुकसान होने की आशंका है. इसलिए भूमि की खरीद-बिक्री अगले सात दिनों के लिए न करें तो अच्छा. किसी को भी उधार न दें न लें. उधार दिया पैसा डूब जाएगा और लिया हुआ उधार वापस नहीं कर पाएंगे. धनहानि को लेकर बहुत सावधान रहें. अपयश भी लग सकता है.

आप हनुमान चालीसा का सोने से पहले 11 बार पाठ अवश्य कर लें. गाय को गुड़ खिला दें. संभव हो तो मछलियों को आटा दे दें. कुछ न कर सकें तो जहा भी हों, चलते फिरते भी ऊँ हं हनुमते नमः मंत्र का यथासंभव जप करते रहें. प्राणायाम करके मन को शांत रखें.

 

धनु राशिः

आपको स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधान रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य की बाधाएं देगा. विशेष रूप से पैर में चोट आदि पैर में कष्ट की आशंका है. सड़क-वाहन दुर्घटना आदि को लेकर बहुत सतर्क रहें. बहुत जरूरी न हों तो यात्रा टाल दें.

हनुमानजी की आराधना करते रहें. गणेशजी को बुधवार को दूर्वा अर्पित कर दें.

प्रस्तुतकर्ताः
डॉ. नीरज त्रिवेदी

(डॉ. नीरज त्रिवेदीजी ने ज्योतिषशास्त्र में आचार्य और फिर ज्योतिष में पीएचडी की शिक्षा प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रहण की है.  वर्तमान में डॉ. त्रिवेदीजी राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.  ज्योतिषकार्य डॉ. नीरज त्रिवेदी के लिए एक सेवाभाव है. प्रभु शरणम् ऐप्प के पाठकों के लिए आप विशेष तौर पर ज्योतिष से जुड़े ज्ञानवर्धक पोस्ट और साप्ताहिक राशिफल देते हैं. प्रभु शरणम् डॉ. त्रिवेदी का विशेष रूप से आभारी है.)

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