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मेरे मामले में भगवान ने जल्द ही मुझे संकेत दे दिया कि भूखों मरने से अच्छा है कि रोटी खा ली जाए क्या पता कल बासी रोटी खाने लायक ही न रह जाए और मैंने वही किया.

आध्यात्म आपको शक्ति देता है, आपके विवेक के द्वार को खोलता है, उसे अवरूद्ध नहीं करता. जो उसका मर्म नहीं समझ पाते वे भ्रम में होते हैं. आध्यात्म उनके लिए मिथ्याप्रचार का साधन बन जाता है. ऐसे कपट मुनियों से बचना चाहिए.

2 COMMENTS

  1. सच बात . समाज में संतोने प्रबोधन काही कार्य किया है ढोंगी पंखण्डियों से बचाव करने के लिये। जिसकी आज भी जरुरत है।

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