अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करेंप्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
व्याघ्रपाद मुनि के एक पुत्र का नाम था उपमन्यु. उपमन्यु को पूर्वजन्म में ही सिद्धि की प्राप्ति हो गई थी. उन्हें मुनिकुमार के रूप में एक और जन्म लेना पड़ा था. उपमन्यु अपनी माता के साथ मामा के घर में रहते थे.
परिवार दरिद्रता से ग्रसित था. एक दिन उपमन्यु ने माता से पीने के लिए दूध मांगा. माता पुत्र की इच्छा पूरी करने में असमर्थ थीं. बालक की बातें सुनकर माता की हृदय पीड़ा से भर गया.
उन्होंने कुछ चावल पीसे और उसको पानी में घोलकर दूध का रूप दे दिया. वह दूध उपमन्यु को पीने को दिया. दूध पीकर उपमन्यु ने कहा- यह तो नकली दूध है. मुझसे छल कर रही हो. और वह रोने लगा.
उपमन्यु की मां ने कहा- बेटा, हम बनवासी हैं. हमारे पास दूध के लिए कोई प्रबंध भी नहीं. भगवान शिव संसार के सभी दुधारु पशुओं के स्वामी हैं. उनकी कृपा से ही दूध प्राप्त होता है.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.