हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[fblike]
कुबेर को अपनी संपत्ति और ऐश्वर्य पर अहंकार हो गया था. वह अक्सर इसका दिखावा करते रहते थे. देवों पर धौंस जमाते थे. मौके-बेमौके ऐश्वर्य की डींगे हांकते रहते थे.
एक बार कुबेर कैलाश पर शिवजी के दर्शनों के लिए गए. मस्तमौला भोलेशंकर के सामने कुबेर को सीधे-सीधे शेखी बघारने की हिम्मत नहीं हो रही थी.
औघड़दानी महादेव कुबेर के धाम सोने की अलकापुरी तो जाने से रहे लेकिन बिना वहां ले गए कुबेर अपना ऐश्वर्य भगवान को दिखाएं कैसे? कुबेर ने शिवजी को अलकापुरी ले जाने की तरकीब निकाली.
कुबेर ने कहा- महादेव आपके आशीर्वाद से मैं एक विशाल भोज का आयोजन कर रहा हूं. इसमें सभी देव, यक्ष, नाग, किन्नर, गंधर्व आदि आमंत्रित हैं. लेकिन बिना आपके पधारे वह आयोजन अधूरा रह जाएगा.
शिवजी तो अंतर्यामी ठहरे. उनसे कोई क्या छिपा सकता है. वह कुबेर के मन की बात समझ गए. उन्होंने सोचा कि इनका अभिमान चूर होना जरूरी है.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.