[sc:fb]
आज इस पर बुरा वक्त है तो मैं अपने सुख के लिये इसे त्याग कर कहीं और चला जाऊं? जिसके साथ सुख भोगे, दुःख भी उसके साथ भोगूंगा, मुझे इसमें आनंद है. आप देवता हो कर भी मुझे ऐसी बुरी सलाह क्यों दे रहे हैं.
क्षमा करें देवराज, मैं आपकी यह सलाह न मान पाऊंगा. यह कह कर तोते ने तो जैसे देवराज की बोलती ही बंद कर दी. पर देवराज को तोते की दो टूक सुन कर बुरा न लगा बल्कि वे प्रसन्न हुए और उनको उस पर दया भी आयी.
देवराज इंद्र बोले, मैं तुमपर खुश हूं, कोई वर मांग लो. तोता बोला अगर वर देना ही चाहते हैं तो मेरे इस प्यारे पेड़ को फिर से पहले ही की तरह हरा भरा कर दीजिये. देवराज ने पेड़ को न सिर्फ अमृत से सींच दिया बल्कि उस पर अमृत बरसाया भी.
पेड़ में नयी कोंपलें फूटीं वह न केवल पहले की तरह हरिया गया, उसमें खूब फल भी लग गए. तोता उस पर बहुत दिनों तक रहा, मरने के बाद देवलोक को चला गया.
प्रभु शरणम् की सारी कहानियां Android व iOS मोबाइल एप्प पे पब्लिश होती है। इनस्टॉल करने के लिए लिंक को क्लिक करें:
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
हम ऐसी कथाएँ देते रहते हैं. फेसबुक पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा. https://www.facebook.com/PrabhuSharanam कथा पसंद आने पर हमारे फेसबुक पोस्ट से यह कथा जरुर शेयर करें.
धार्मिक चर्चा में भाग लेने के लिए हमारा फेसबुक ग्रुप ज्वाइन करें. https://www.facebook.com/groups/prabhusharnam