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कश्यप के वचन के अनुसार हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद नारायण भक्त हुए जिनके कष्टों का निवारण करने के लिए श्रीहरि ने नरसिंह अवतार लिया.

कल भागवत कथा में हिरण्यकश्यपु और नरसिंह अवतार की विस्तार से चर्चा करेंगे.

अनुरोधः जो लोभ भी यह भागवत कथा पढ़ रहे हों, उनसे हाथ जोड़कर लगातार विनती कर रहा हूं. पहली तो आप तुरंत अपना एप्प अपडेट कर लें. पुराने वर्जन में हम गीता, मंत्र-संसार आदि सेक्शन इसी शनिवार से बंद करने वाले हैं.

दूसरी बात, कथा के अंत में अनुरोध होता है उसकी ओर आप नजर तक नहीं डालते. एप्प की रेटिंग नहीं कर रहे. मन को पीड़ा होती है. शायद आपको भागवत प्रसंग पसंद नहीं है. हम इसे बंद करके कुछ और शुरू करेंगे, आप राय दें कि क्या आरंभ किया जाए.

सभी भागवत प्रेमियों से आह्वान है कि वह एप्प का लिंक शेयर करने की मुहिम चलाएं. प्रभुनाम के गुणगान को संसार में पहुंचाने में योगदान करिए.
धर्म का कार्य है यह. भागवत सुनना और सुनाना दोनों बराबर पुण्य का है. भागवत के पहले स्कंध में धुंधली की कथा से पूर्व नारदजी ने यह उपदेश दिया है.

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संकलन व संपादनः प्रभु शरणम्

2 COMMENTS

  1. sir mujhe apki aur se sunai ja rahi shri mad bhagwat katha bahaut he achhi lag rahi hai kripya karke aap isey har roz sunaiye dhanyawad

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