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सेठ घबराया कि कहीं हंगामा बढ़ने पर राजा के सैनिक उसे न पकड़ ले जाएं. वह नानकदेव के पास पहुंचा और उनसे पूछा कि आपने यह हंगामा क्यों कर दिया? इसे बंद कराइए. तभी नानकदेव जी ऊंचे पत्थर पर खड़े हुए और उन्होंने जोरदार आवाज में कहा, ‘भाइयों, आप जिसे लूट रहे हों वे तो नकली सिक्के हैं. असली सिक्के तो मेरे थैले में रखे हैं. आप लोग शांति से बैठिए’.
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Shandar upyogi jankaree katha/kahaneion k dwara sabhi tk pahunchtee hn, jo karya aapke dwara kiya gaya ek achha kam h
आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
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