हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]
उसका नाम बलखानि (मलखान) रखा जाएगा. वह शिरीष नगर का राजा होगा. भीम वीरण के नाम से बनारस पर राज करेगा. अर्जुन के अंश से जो जन्म लेगा, उसका नाम होगा ब्रह्मानंद होगा. वह महान बुद्धिमान और मेरा भक्त होगा.

महाबलशाली नकुल का जन्म कान्यकुब्ज में रत्नभानु के पुत्र के रूप में होगा और नाम होगा लक्षण. सहदेव भीमसिंह का पुत्र देवसिंह होगा. धृतराष्ट्र के अंश से अजमेर में पृथ्वी राज जन्म लेगा.

द्रोपदी पृथ्वीराज की कन्या के रूप में वेला नाम से प्रसिद्ध होगी. महादानी कर्ण तारक नाम से जन्मेगा. यह सब बातें सुनकर भगवान श्रीकृष्ण मुस्कराए.

श्रीकृष्ण ने कहा- मैं भी अवतार लेकर पांडवों की सहायता करूँगा. माया देवी द्वारा निर्मित महावती नाम की नगरी में देशराज के पुत्र-रूप में मेरा अंश उत्पन्न होगा.

मेरे इस कृष्णांश को जगत उदयसिंह (ऊदल) के नाम से जानेगा. उसे जो जन्म देंगी वह भी देवकी की ही अंश होंगी. मेरे वैकुण्ठ धाम का अंश आह्राद नाम से जन्म लेगा.

आह्लाद ही इस जन्म में मेरा गुरु होगा. अग्निवंश में उत्पन्न राजाओं का विनाश कर मैं धर्म की स्थापना करूँगा. श्रीकृष्ण की यह बात सुनकर शिवजी अंतर्धान हो गए. (संदर्भ: भविष्य पुराण के प्रतिसर्ग पर्व का तीसरा खंड के पहले अध्याय से व अन्य)

संकलनः सीमा श्रीवास्तव
संपादनः राजन प्रकाश

अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें

ये भी पढ़ें-
यात्रा में शकुन एवं अपशकुन का विचार- प्रचलित ज्योतिषीय मान्यता
हर तिल कुछ कहता है
ये है वशीकरण का अचूक मंत्र: जिसको चाहें कर ले वश में
पार्वतीजी का शिवजी से प्रश्नः करोड़ों करते हैं गंगास्नान, फिर स्वर्ग में क्यों नहीं मिलता सबको स्थान?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here