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सूर्य दोष का निदानः यदि आपका वैवाहिक जीवन सूर्य की स्थिति के कारण पीड़ित है तो प्रतिदिन सूर्य को जल दें. जल तांबे या पीतल के लोटे से दें. उसमें गुड़, रोली, अक्षत और लाल फूल मिला लें तो और अच्छा.

विनियोग के साथ आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. यह आपके एप्प में हैं.

मंगल दोषः यदि आपका वैवाहिक जीवन मंगल दोष के कारण पीड़ित है तो मंगलवार का व्रत करें.

घर में भौम यंत्र स्थापित करें और उसकी नित्य पूजा करें.

अथवा मंगल के बीज मंत्र ऊँ भौं भौमाय नमः अथवा ऊं अं अंगारकाय नमः की एक माला का रोज जप करें.

शनि दोष का निदानः

दशरथ कृत शनि स्तोत्र का नित्य पाठ करें. ऊं शं शनैश्चरायै नमः की एक माला रोज जपें.

शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे जल एवं दीपदान जरूर करें.

राहु दोष का निदानः

ऊं रां राहवे नमः की कम से कम एक माला या यथासंख्या जप प्रतिदिन करें.

18,000 मंत्र संख्या का जप करने के बाद स्वयं या वेदपाठी ब्राह्मणों से हवन कराएं.

केतु दोष का निदानः

ऊं कें केतवे नमः की 18,000 मंत्र संख्या का जप करें और हवन करें.

यदि एक से ज्यादा दोषों से सभी दोषों से पीड़ित हैं तो स्थिति बहुत दयनीय हो सकती है. ऐसे में भगवान शिव-पार्वती की पूजा, अनुष्ठान से ही लाभ की आशा है.

प्रतिदिन शिव पंचाक्षर स्तोत्र- ऊं नमः शिवाय का जप करते हुए जल, बेलपत्र, हल्दी चढ़ावें. समय-समय पर रूद्राभिषेक करावें और प्रदोष व्रत करें.

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