Yamraj
प्रभु शरणं के पोस्ट की सूचना WhatsApp से चाहते हैं तो अपने मोबाइल में हमारा नंबर 9871507036 Prabhu Sharnam के नाम से save कर लें। फिर SEND लिखकर हमें उस नंबर पर whatsapp कर दें।
जल्दी ही आपको हर पोस्ट की सूचना whatsapp से मिलने लगेगी।

गौतमी नामक एक ब्राह्मणी थी. उसके इकलौते पुत्र को एक सांप ने डंसकर मार दिया. एक बहेलिए अर्जुनक ने सांप को डंसते देखा और कंटीले तांत में सांप को फंसा लिया.

अर्जुनक तांत में फंसे सांप को लेकर गौतमी के पास आया. अर्जुनक ने कहा-इसी सांप ने तुम्हारे पुत्र को डंसकर मार डाला है. मैं इस हत्यारे सांप का अंत कर देता हूं.

गौतमी ने कहा- होनी को टाला नहीं जा सकता. इसकी हत्या से मेरा पुत्र वापस तो नहीं आएगा. इसलिए इसे छोड़ दो.

अर्जुनक ने कहा- इसने आपके पुत्र से पहले भी लोगों को डंसा होगा. भविष्य में भी यह लोगों को डंसेगा. इसे तो मार ही देना चाहिए. तांत में फंसा सांप छटपटा रहा था.

सांप ने कहा- बालक को डंसने में मेरा क्या दोष? मुझे काल ने विवश किया था. जिस तरह मिट्टी का बर्तन बनाने में डंडा और चाक दोनों कुम्हार के अधीन होते हैं वैसे ही मैं मृत्यु के अधीन हूं.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here