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तुम ईश्वर पर श्रद्धा रखकर बिना घबराये सागर के पानी पर चलते जाना. अवश्य पार लग जाओगे.

विभीषण के वचनों पर विश्वास रखकर वह व्यक्ति समुद्र की ओर आगे बढ़ने लगा. वह सागर के सीने पर नाचता-नाचता पानी पर चल रहा था.

जब वह समुद्र के बीच में आया तब उसके मन में उसके मन में तारकमंत्र जानने की जिज्ञासा हुई.

उसने सोचा आखिर विभीषण ने ऐसा कौन सा तारक मंत्र लिखकर बांधा हैं जिसकी शक्ति से मैं सागर के सीने पर नाच रहा हूं. इसे देखना चाहिए ताकि औरों को भी बताकर उनका कल्याण किया जा सके.
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2 COMMENTS

    • आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
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