[sc:fb]
तपस्विनी स्वयंप्रभा हनुमानजी के बुद्धिमता से पूर्ण वचन सुनकर प्रभावित हो गईं. उन्होंने कहा- हे वानरश्रेष्ठ! आपकी बुद्धिमता अतुलित है. अपने स्वामी का कार्य के प्रति आपका समर्पण और आपके बुद्धिबल को देखते हुए इस बात में कोई संदेह ही नहीं कि आप जिस कार्य के लिए निकले हैं वह अपूर्ण रहे.
वानरवीरों! यद्यपि इस स्थान में आ जाने वाला जीवन भर यहां से बाहर नहीं निकल सकता किन्तु मैं अपने तप के प्रभाव से सब को यहां से बाहर निकाल दूंगी. सभी अपनी आंखें बंद कर लें.
वानर वीरों के आंखें मूंदते ही स्वयंप्रभा ने पलक झपकने भर की देर के बाद उन्हें आंखें खोलने को कहा. सभी गुफा से बाहर आ चुके थे. सामने समुद्र लहरा रहा था.
देवी स्वयंप्रभा बोलीं- इस रामकाज में मेरा भी योगदान हो गया. अब आप सब आगे का मार्ग अपने बुद्धि, बल और विवेक से तय करेंगे, इसका मुझे पूर्ण विश्वास है. आपका कल्याण हो.
वे सभी सागरतट पर उस स्थान पर पहुंच गए जहां वयोवृद्ध गिद्धराज संपाति मरणासन्न स्थिति में पड़े थे. इतना कहकर तपस्विनी स्वयंप्रभा पुनः तप के लिए चली गईं.
जटायु के भाई और सूर्यदेव के सारथी अरूण के पुत्र संपाति की कथा पहले भी सुना चुका हूं. पुनः सुनाऊंगा.
संकलन व संपादनः राजन प्रकाश
क्या आपको यह कथा पसंद आई?
ऐसी अनगिनत जानकारियों और धार्मिक कथाओं का सुंदर संसार है प्रभु शरणम् जहां आप धार्मिक-आध्यात्मिक कथाएं, जीवन को बदलने वाली प्रेरक कथाएं, रामायण-गीता, ज्योतिष और सभी प्रमुख मंत्रों को पढ़ सकते हैं. उन मंत्रों के क्या लाभ हैं, उसके बारे में जान सकते हैं.
एक बार स्वयं आजमाकर देख लें. इस लाइन के नीचे प्रभु शरणम् एप्प का लिंक है. उसे क्लिक करके एप्प को डाउनलोड करें, फिर निर्णय़ करें.
पौराणिक कथाएँ, व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र, गीता ज्ञान-अमृत, श्रीराम शलाका प्रश्नावली, व्रत त्योहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ने के हमारा लोकप्रिय ऐप्प “प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प” डाउनलोड करें.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
ये भी पढ़ें-
पूतना को कृष्ण क्यों माता मानते थे और पूतना उन्हें अपना पुत्र?
गोवर्धन परिक्रमा की होगी पर क्या उसका माहात्म्य भी जानते हैं?
गीता पर शपथ क्यों दिलाई जाती है?
हम ऐसी कथाएँ देते रहते हैं. फेसबुक पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा. https://www.facebook.com/PrabhuSharanam कथा पसंद आने पर हमारे फेसबुक पोस्ट से यह कथा जरुर शेयर करें.