Happy-Diwali-ganesh-laxmiji
अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
एक बार एक साधु ने लक्ष्मीजी की कठोर तपस्या की. असल में साधु नियम धरम वाले एकरस जीवन से ऊब गया था. साधु को इच्छा थी कि वह राजसी सुख भोग कर देखे. इसी चाहत से उसने लक्ष्मी जी को अपनी तपस्या से प्रसन्न कर लिया.

लक्ष्मीजी ने खुश हो कर साधु को राजसुख का वरदान दे दिया. वरदान पाया साधु सीधे राजदरबार पहुंचा. साधु होने के चलते उसे राजा के पास पहुंचने में कोई दिक्क्त न हुई. राजा के करीब जा कर उसने राजा का राजमुकुट गिरा दिया.

यह बहुत बुरी और अपमानजनक बात थी. राजा क्रोध से कांपने लगा. अचानक वह उछल पड़ा और जोर से चीखा क्योंकि उसने उस राजमुकुट से एक सांप को निकलकर बाहर आते देखा था.

यह देखकर राजा का गुस्सा ठंडा पड‌ गया. उसने बड़ी खुशी से साधु को उपहार वगैरह देकर अपना खास मंत्री बनने को कहा. साधु तुरंत मान गया और अगले ही दिन से वह राजसी सुख सुविधा भोगने वाला खास मंत्री बना दिया गया.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here