राजा पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि होता है. प्रजा का पालन ही उसका एकमात्र कार्य है. राजा को यदि भ्रम हो जाए तो उसकी प्रजा कभी सुखी नहीं होती. आज…