प्रभु शरणम् के कुछ सदस्यों ने पूछा है कि मंदिर के सामने गुजरते हुए उसमें जाकर दर्शन की इच्छा होती है लेकिन कपड़े स्वच्छ नहीं हैं यह विचार आते ही प्रवेश से हिचक होती है. क्या उपाय है?
मन में हिचक इस बात के लिए भी होती है कि वस्त्र जूठे हैं अर्थात उसे पहनकर भोजन आदि किया है. इसलिए भी मंदिर के अंदर जाने से हिचक होती है. सर्दियों में यह समस्या ज्यादा होती है.
वैसे मंदिर में स्वच्छ वस्त्रों के साथ ही प्रवेश करना चाहिए लेकिन यदि कभी दर्शन की तीव्र इच्छा हो रही हो और आप सिर्फ वस्त्रों का विचार करके नहीं जा रहे, तो आप पवित्रीकरण मंत्र का स्मरण करके मंदिर में जाएं.
दाहिने हाथ की हथेली में थोड़ा सा जल लें फिर उस जल को नीचे बताए गए मंत्र के उच्चारण के साथ अपने शरीर पर छिड़क लें. इससे शरीर का पवित्रीकरण होता है.
ऊँ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतः अपि।
यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्य अभ्यंतरो शुचिः।।
वस्त्र स्वच्छ हों फिर भी इस छोटे से मंत्र का पाठ करके आत्मशुद्धि कर लेनी चाहिए.
सूचनाः
आपके अपने प्रभु शरणम् एप्प में जल्द ही उपयोगी मंत्रों, पूजा विधियों, आरती-चालीसा आदि का बड़ा संकलन प्रस्तुत करने की तैयारी चल रही है.
हमारा उद्देश्य है आपके मोबाइल को ऐसे मंत्रों आदि से सुसज्जित रखना ताकि आपको जब चाहें अपने इष्टदेव का स्मरण मंत्रों के साथ तुरंत कर सकें.
पूजा-पाठ मन को शांति और पवित्रता देते हैं. आप निर्विघ्न होकर पूजन आदि में शामिल हो, इसमें हम अगर सहायक हो सकें तो, हमारा प्रयास सफल रहेगा.
संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली
