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जब श्रीकृष्ण ने समझा कि भगवन शंकर के रहते वह अनिरुद्ध को नहीं बचा पाएंगे तो उन्होंने भगवन शंकर की स्तुति की और स्मरम कराया- हे देवेश्वर, आपने स्वयं ही बाणासुर को कहा था की उसे मैं परस्त करूँगा. मैं तो आपका वरदान पूरा कर रहा हूं.

परंतु हे महादेव, जब तक आप युद्धभूमि में हैं मैं आपका वरदान पूरा नहीं कर पाउंगा. आपका वचन कभी मिथ्या नहीं हो सकता इसलिए हे प्रभु अब आप जो उचित समझें वही करें.

श्रीकृष्ण की बात सुनकर भगवन शिव प्रसन्न हो गए. उन्होंने कहा- हे प्रभु मैं वचनबद्ध हूं. युद्धक्षेत्र छोड़कर नहीं हट सकता किंतु मैं आपको ऐसा उपाय बताता हूं जिससे मैं युद्धभूमि में रहते हुए भी निष्क्रिय हो सकता हूं.

महादेव ने श्रीकृष्ण को ऐसा कौन सा उपाय बताया जिसके प्रयोग से श्रीकृष्ण ने उन्हें निष्क्रिय कर बाणासुर को हराया. क्या श्रीकृष्ण ने महादेव का वचन तोड़कर बाणासुर का वध किया? प्रसंग लंबा है. यह कथा कल आगे बढ़ाउंगा.

संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली

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