[sc:fb]

भील ने भीलनी से कहा- प्रिये यदि मैं आज पूजा न कर पाया तो मैं जिंदा न रहूंगा, मेरा मन बड़ा दुःखी है और चिन्तित है. भीलनी ने भील को इस तरह चिंतित देख एक उपाय सुझाया.

भीलनी बोली, यह घर पुराना हो चुका है. मैं इसमें आग लगाकर इसमें घुस जाती हूं. आपकी पूजा के लिए मेरे जल जाने के बाद बहुत सारी भस्म बन जायेगी. मेरी भस्म का पूजा में इस्तेमाल कर लें.

भील न माना बहुत विवाद हुआ. भीलनी ने कहा मैं अपने पतिदेव और देवों के देव महादेव के काम आने के इस अवसर को न छोड़ूंगी. भीलनी की ज़िद पर भील मान गया.

भीलनी ने स्नान किया. घर में आग लगायी. घर की तीन बार परिक्रमा की. भगवान का ध्यान किया और भोलेनाथ का नाम लेकर जलते घर में घुस गयी. ज्यादा समय न बीता कि शिवभक्ति में लीन वह भीलनी जलकर भस्म हो गई.

भील ने भस्म उठाई. भलीभांति भगवान भूतनाथ का पूजन किया. शिवभक्ति में घर सहित घरवाली खो देने का कोई दुःख तो भील के मन में तो था नहीं सो पूजा के बाद बड़े उत्साह से उसने भीलनी को प्रसाद लेने के लिये आवाज दी.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here