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बालक ने कहा- संसार में चार प्रकार के लोग हैं. पहले वह हैं जिनके लिए इस लोक में तो सुख सुलभ है परंतु परलोक में नहीं. उनके पूर्वजन्मों के पुण्य शेष हैं, उसे वह इस लोक में भोग रहे हैं लेकिन नए पुण्य नहीं कमाते. ऐसे लोगों का सुखभोग केवल इसी लोक तक है.
दूसरे, जिसके लिए परलोक में सुख का भोग सुलभ है, परंतु इस लोक में नहीं क्योंकि पिछले जन्म के पुण्य खत्म हैं. वह तपस्या करके नए पुण्य कमाता है. उसे परलोक में सुख का भोग प्राप्त होगा.
तीसरा वह जिसके लिए इस लोक और परलोक में भी सुख भोग मिलता है क्योंकि उसका पहले का किया हुआ पुण्य भी विद्यमान है और तपस्या से नये पुण्य बना रहा है. ऐसे विरले ही होते है.
चौथा वह जिसके लिये न तो इहलोक में सुख है और न परलोक में ही क्योंकि पहले का पुण्य तो है नहीं और इस लोक में भी पुण्य कमा नहीं रहा. ऐसे नीच को धिक्कार है.
सो आपको इस जन्म में भगवान सदाशिव के भजन में लग जाना चाहिए जिससे आप जन्म के बंधन से ही मुक्त हो सकते हैं.
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