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माता पार्वती ने एक बार महादेव से पूछा कि आपको केदार क्षेत्र क्यों इतना प्रिय है. भगवान भोलेनाथ को ने आनंदित होकर केदार क्षेत्र का बखान करते हुए माता गौरी को एक कथा सुनाई.
एक गांव में एक बहेलिया रहता था. वह पक्षियों और जानवरों का शिकार करता था. उसे हिरण का मांस बहुत प्रिय था. बहेलियां पशुओं का वध करने से पहले उन्हें बहुत तड़पाता था.
एक दिन वह शिकार करने केदार तीर्थ में पहुंच गया. जब वह सघन जंगलों से होकर शिकार की खोज में पर्वतों पर विचर रहा था. उस समय नारद मुनि भी उस क्षेत्र में विचरण कर रहे थे.
इंसान की जैसी लालसा होती है, विवेक भी वैसा हो जाता है. वह शिकार के लिए घात लगाए था इसलिए तपोबल के तेज से चमकते नारद मुनि को दूर से देखकर उसे स्वर्ण मृग का भ्रम हो गया.
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