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श्रीआदि शंकरचार्य उनका जीवन वेदों और सनातन धर्म के उत्थान को समर्पित था. हिंदुत्व की रक्षा के लिए आदि शंकराचार्य द्वारा किए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. आज प्रस्तुत है शंकराचार्य को समर्पित एक कथा.
आदि शंकराचार्य शास्त्रार्थ के लिए मंडन मिश्र के गांव पहुंचे और उनके घर का पता पूछा. लोगों ने कहा- जिस दरवाजे पर तोते भी आपस में शास्त्रार्थ करते दिखें समझ लीजिएगा वही घर मंडन मिश्र का है.
शंकराचार्य मंडन मिश्र के घर पहुंचे और उन्हें शास्त्रार्थ का निमंत्रण दिया. दोनों शास्त्रार्थ के लिए तैयार हुए समस्या थी कि ऐसे विद्वानों के बीच शास्त्रार्थ का निर्णायक कौन बनेगा.
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