उत्तर दिशा मै माँ लक्ष्मी को एक बहुत ही सुन्दर बगीचा नजर आया, ओर उस तरफ़ से भीनी – भीनी खुशबू आ रही थी,और बहुत ही सुन्दर-सुन्दर फूल खिले थे,यह एक फूलों का खेत था, और माँ लक्ष्मी बिना सोचे समझे उस खेत में गई और एक सुंदर सा फूल तोड़ लाई, लेकिन यह क्या जब माँ लक्ष्मी भगवान विष्णु के पास वापिस आई तो भगवान विष्णु की आँखों में आँसु थे, और भगवान विष्णु ने माँ लक्ष्मी से कहा कि कभी भी किसी से बिना पूछे उस का कुछ भी नहीं लेना चाहिये, और साथ ही अपना वचन भी याद दिलाया।

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माँ लक्ष्मी को अपनी भूल का पता चला तो उन्होनें भगवान विष्णु से इस भूल की माफ़ी मागी, तो भगवान विष्णु ने कहा कि तुम ने जो भूल की है उस की सजा तो तुम्हे जरूऱ मिलेगी?? जिस माली के खेत से तुमने बिना पूछे फूल तोड़ा है, यह एक प्रकार की चोरी है, इस लिये अब तुम तीन साल तक माली के घर नौकर बन कर रहो, उस के बाद मैं तुम्हें बैकुण्ठ में वपिस बुलाऊंगा, माँ लक्ष्मी ने चुपचाप सर झुका कर हाँ कर दी।

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